किसी गाँव में एक बहोत ही बद्तमीज़ बच्चा रहता था
वो हर किसी को गन्दी गलियां बकता और भाग जाता
एक दिन उसने देखा की एक बुज़ुर्ग चौराहे पर बैठे हैं तो उसने
बुज़ुर्ग के करीब जाकर उनको गालियां बका और भाग गया
बुज़ुर्ग ने उसकी तरफ धियान नहीं दिया
तब वो थोड़ी देर बाद फिर आया वापस से गालियां बकि फिर भाग गया
फिर भी बुज़ुर्ग ने कुछ नहीं कहा वो शांत बैठे रहे
अब लड़के को और मस्ती सूझी उसने बुज़ुर्ग के बिलकुल करीब आकर गलियां बकी
लेकिन इस बार भी बुज़ुर्ग ने कुछ नहीं कहा
ये देख कर पास में ही एक दूसरा लड़का खड़ा था उसने बुज़ुर्ग से कहा
बाबा ये आप को इतनी गन्दी गालिया दे रहा है आप इसे कुछ नहीं बोल रहे हो ?
बुज़ुर्ग ने कहा , बेटे ये भले ही मुझे गालिया दे रहा है पर मैं ले तो नहीं रहा
इसी लिए इसकी सारी गलियां इसी के पास लौट जाती है
ये बात उस बद्तमीज़ बच्चे ने भी सुनी
उसने बुज़ुर्ग से माफ़ी मांगी और पूछा बाबा मैं किस तरह खुद को अछा बनाऊ ?
बुज़ुर्ग ने कहा खदा को याद किया करो, मन से सारी बुराई निकल जायेगी
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वो हर किसी को गन्दी गलियां बकता और भाग जाता
एक दिन उसने देखा की एक बुज़ुर्ग चौराहे पर बैठे हैं तो उसने
बुज़ुर्ग के करीब जाकर उनको गालियां बका और भाग गया
बुज़ुर्ग ने उसकी तरफ धियान नहीं दिया
तब वो थोड़ी देर बाद फिर आया वापस से गालियां बकि फिर भाग गया
फिर भी बुज़ुर्ग ने कुछ नहीं कहा वो शांत बैठे रहे
अब लड़के को और मस्ती सूझी उसने बुज़ुर्ग के बिलकुल करीब आकर गलियां बकी
लेकिन इस बार भी बुज़ुर्ग ने कुछ नहीं कहा
ये देख कर पास में ही एक दूसरा लड़का खड़ा था उसने बुज़ुर्ग से कहा
बाबा ये आप को इतनी गन्दी गालिया दे रहा है आप इसे कुछ नहीं बोल रहे हो ?
बुज़ुर्ग ने कहा , बेटे ये भले ही मुझे गालिया दे रहा है पर मैं ले तो नहीं रहा
इसी लिए इसकी सारी गलियां इसी के पास लौट जाती है
ये बात उस बद्तमीज़ बच्चे ने भी सुनी
उसने बुज़ुर्ग से माफ़ी मांगी और पूछा बाबा मैं किस तरह खुद को अछा बनाऊ ?
बुज़ुर्ग ने कहा खदा को याद किया करो, मन से सारी बुराई निकल जायेगी
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