गुज़ार दी ज़िन्दगी को जनवरी 31, 2016 लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप ऐसे ही गुज़ार दी मैंने अपनी ज़िन्दगी कभी खुदा की रजा समझ कर कभी गुनाहो की सजा समझ कर ______________________________________________________ टिप्पणियाँ
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
PLEASE COMMENT HERE