तंज़ानिया में हँसी की महामारी

  


1962, तंज़ानिया ( तब टांगञानिका). तंज़ानिया के कशाशा गाँव पास के एक बोर्डिंग स्कूल के तीन क्षत्राओं से शुरू हुआ हँसी का सिलसिला149 में से 95 शिष्यों में फैल गया. कुछ घंटों से ले कर 16 दिनों तक यही चलता रहा. इससे 12 से 18 साल के सभी शिष्य प्रभवित हुए. इससे शिक्षकों में से कोई प्रभावित नहीं था लेकिन इससे कोई अध्ययन-अध्यापन नहीं हो पा रहा था और कोई शिष्य एकाग्रचित नही हो पा रहा था. अंततः स्कूल को बंद कर दिया गया और सभी शिष्यों को घर भेज दिया गया, लेकिन यह महामारी उनसे गाँव में भी फैलने लगी. जिस गाँव से सबसे ज़्यादा लड़कियाँ थी, उस गाँव में अप्रैल से मई के बीच २१७ लोगों प्रभावित किया. अत्यधिक हँसने से उनके सांस संबंधी समस्या, दर्द, थकावट, मूर्छा जैसी समस्याएं होने लगीं. 
जब स्कूल को दुबारा खोला गया तब भी यह समस्या नहीं सुलझी और फिर बंद करना पड़ा. बाद में स्कूल के खिलाफ केस दर्ज किया गया. आस पास गाँव में लगभग १००० लोग इससे प्रभावित हुए. सब कुछ ६ महीने के बाद एकाएक ख़त्म हो गया. लेकिन इसके पीछे क्या कारण था और कैसे इतने ज़्यादा लोग एक ही महामारी से ग्रसित हो गये यह आज तक रहस्य है.
************************************************

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ