क्या उस दिन खत्म हो जाएगी दुनिया ?

कुछ दिनों पहले लोगों के दिलों दिमाग पर एक ऐसी खबर ने कब्ज़ा किया था जिसमें यह दावा किया गया था कि 21 जून 2020 को पूरी दुनिया खत्म हो जाएगी |लेकिन किसी का बाल भी बाका नहीं हुआ। पूरी दुनियां आज भी चल रही है, ये भविष्यवाणी बिल्कुल गलत साबित हुई। हालांकि, ये बात अलग है कोरोना महामारी ने साल 2020 में पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। जिससे हम इनकार नहीं कर सकते, लाखों की संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के अलावा खगोलीय घटनाओं के कारण भी लोगों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित भी हुए हैं। 
जून, 2020 में पूरी दुनिया खत्म होने की भविष्यवाणी माया कैलेंडर ने की थी। जो बिल्कुल ग़लत साबित हो चुकी है, लेकिन अब एक्सपर्ट्स ने तबाही की नई तारीख बता दी है । वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2050 में पूरी दुनिया समाप्त हो जाएगी।

2050 तक बड़े उलटफेर का दावा किया जा रहा है |
क्यों ऐसी चेतावनी दी जा रही है ?
दरअसल ऑस्ट्रेलिया स्थित 'नेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट रेस्टोरेशन' ने यह चेतावनी दी है कि हमारे पास मानव सभ्यता को बचाने के लिए सिर्फ 3 दशक ही बचे हैं। इनके रिसर्च में दावा किया गाय है कि साल 2050 तक पृथ्वी का औसत तापमान 3°c तक बढ़ जाएगा। जिससे भारी तबाही हो सकती है या पृथ्वी से मानव सभ्यता हमेशा के लिए ख़त्म हो सकती है,

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की कमिटी ने भी रिपोर्ट जारी कर बताया था कि हमारे पास धरती और मानव को बचाने के लिए सिर्फ 11 से 12 साल ही बचे हैं। जिस तरह से बाकी कई प्रजातियां विलुप्त हुई हैं। अगर हमने सही समय पर सही कदम नहीं उठाए तो ऐसे में पूरी संभावना है कि 2050 तक इंसान भी विलुप्त होने की कगार पर आ जाएंगे,

पृथ्वी का एक तिहाई हिस्सा रेगिस्तान में हो सकता तब्दील
इस आने वाली तबाही को रोकने कि कोशिश करने वाले वैज्ञानिकों ने मौजूदा हालात को देखते हुए 2050 तक का एक खाका तैयार किया है जिसके ज़रिए ये बताया है कि उस समय तक क्या और कैसा हो सकता है। इनकी रिसर्च में बताया गया है कि 2050 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी और धरती के 35 प्रतिशत हिस्से को साल में 20 दिन जानलेवा गर्मी का सामना करना पड़ेगा। यह गर्मी नहीं असल में आप इसे नर्क के रूम में देख सकते हो,


अंटार्कटिका (antarctica) के सारे बर्फ पिघल चुके होंगे। जिसकी वजह से समुद्र का जल स्तर 0.5 मीटर तक बढ़ जाएगा। इन सब के साथ एशिया की लगभग सभी नदियां सूख जाएंगी। हो सकता है कि पृथ्वी का एक तिहाई हिस्सा रेगिस्तान में तब्दील हो जाए।

महान गणितज्ञ और भौतिक वैज्ञानिक आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) ने भी 2060 तक पूरी दुनिया के खत्म होने की भविष्यवाणी की थी। 
जिसके बारे में उन्होन अपने नोट्स ओर चिट्ठियों में लिखा था। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर 2060 की दुनिया बची रही तो यह विनाश की शुरुआत का साल होगा। यानी 2060 से ही दुनियां ख़त्म होनी शुरू हो जाएगी,
पर आज तक दुनियां के ख़त्म होने की जितने भी दावे किए गए हों वो सब अब तक गलत ही साबित हुए है,
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