क्रोध को सही दिशा दें

सेना के एक प्रमुख अधिकारी ने अमरीका के तत्कालीन रक्षामंत्री के आदेश को ठीक से समझ न पाने के कारण कोई भूल कर डाली। जब रक्षामंत्री को यह बात मालूम हुई तो वह राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के पास पहुंचे और क्रोध से बिफरते हुए बोले- 'क्षीमान, काफी गड़बड़ हो गई।' लिंकन के पूछने पर रक्षामंत्री ने उन्हें विस्तार से सारी कहानि सुनाई और फिर बोला- 'अब आप देखिए कि मैं उस जनरल के बच्चे की कैसी खिंचाई करता हूं।' 'ठीक है उसे अवश्य पत्र लिखिए और उसमें जितने कठोर शब्दों का प्रयोग कर सकते हो, करिये'- राष्ट्रपति लिंकन ने कहा।

अपने नेता की स्वीकृति लेकर रक्षामंत्री ने अपने मन की भड़ास निकालते हुए खूब गाली-गलौज भरा पत्र लिखा। पत्र पूरा हो जाने पर वह राष्ट्रपति के पास पहुँचा और विनम्रता के साथ बोला - 'क्षीमान, आप भी पत्र का अवलोकन कर लें।' रक्षामंत्री की ओर देखे बिना ही राष्ट्रपति लिंकन ने कहा - 'ठीक है, इस पत्र को फाड़कर फेंक दीजिए, ऐसे पत्र मन की भड़ास निकालने के लिए लिखे जाते हैं। मैं भी सदैव यही करता हूँ। मैं समझता हूँ कि ऐसा करके आपने क्रोध पर काबू पा लिया होगा।'

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